साक्षात्कार विधि के बारे में वर्णन कीजिए। Saakshaatkaar vidhi ke baare mein varnan kijiye

Saakshaatkaar vidhi ke baare mein varnan kijiye

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यह रहा 1000 शब्दों में विस्तृत उत्तर:
प्रश्न: साक्षात्कार विधि के बारे में वर्णन कीजिए।
(B.A. Final Year | Subject: Personality Development | Course Code: V3-PSY-DEVT | Vocational Course)


✦ साक्षात्कार विधि के बारे में वर्णन

✧ भूमिका (Introduction):

व्यक्तित्व मूल्यांकन की विभिन्न विधियों में साक्षात्कार विधि (Interview Method) एक महत्वपूर्ण तकनीक है। यह विधि किसी व्यक्ति के व्यवहार, मानसिकता, दृष्टिकोण, कौशल और व्यक्तित्व की विशेषताओं को जानने और समझने के लिए प्रयुक्त की जाती है। साक्षात्कार न केवल व्यक्ति से बातचीत का एक माध्यम है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक तरीका है जिससे मूल्यांकनकर्ता व्यक्ति की योग्यताओं, अभिरुचियों और विचारधाराओं का अवलोकन करता है।

इस विधि का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है – जैसे भर्ती प्रक्रिया, शिक्षा, काउंसलिंग, चिकित्सा, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि।


✦ साक्षात्कार विधि का अर्थ (Meaning of Interview Method):

साक्षात्कार (Interview) एक ऐसा संवादात्मक (Conversational) प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति (साक्षात्कारकर्ता) दूसरे व्यक्ति (साक्षात्कारार्थी) से पूर्व निर्धारित उद्देश्यों के अंतर्गत प्रश्न करता है और उत्तरों के माध्यम से उसकी जानकारी, सोच, भावनाएँ, और व्यवहारिक प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करता है।

यह प्रक्रिया आमने-सामने, टेलीफोन पर या ऑनलाइन माध्यम से भी की जा सकती है।


✦ साक्षात्कार विधि के उद्देश्य (Objectives of Interview Method):

  1. व्यक्ति के विचारों और दृष्टिकोण को समझना।
  2. उम्मीदवार की योग्यता और कौशल का मूल्यांकन करना।
  3. भावनात्मक स्थिति, अभिरुचि, प्रेरणा और आत्म-विश्वास की जानकारी प्राप्त करना।
  4. व्यक्ति की सामाजिक और मानसिक उपयुक्तता का आकलन करना।
  5. अनुसंधान, शिक्षा, काउंसलिंग और चिकित्सा में व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करना।

✦ साक्षात्कार विधि के प्रकार (Types of Interview Method):

1. संरचित साक्षात्कार (Structured Interview):

इस प्रकार में प्रश्न पहले से तय होते हैं और सभी प्रतिभागियों से वही प्रश्न पूछे जाते हैं।

  • उत्तरों की तुलना करना आसान होता है।
  • अधिक औपचारिक और अनुशासित रूप होता है।

2. अर्ध-संरचित साक्षात्कार (Semi-Structured Interview):

कुछ प्रश्न पूर्व-निर्धारित होते हैं, लेकिन साक्षात्कारकर्ता बीच में नए प्रश्न भी जोड़ सकता है।

  • अधिक लचीलापन होता है।
  • गहराई से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

3. असंरचित साक्षात्कार (Unstructured Interview):

इसमें कोई निश्चित प्रश्न नहीं होते। बातचीत स्वाभाविक रूप से चलती है।

  • इसका उपयोग काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक साक्षात्कार में किया जाता है।
  • गहन जानकारी और भावनात्मक दृष्टिकोण प्राप्त किया जाता है।

4. व्यक्तिगत साक्षात्कार (Personal Interview):

आमने-सामने किया जाने वाला साक्षात्कार। इसमें भाव-भंगिमा और शरीर भाषा को भी देखा जाता है।

5. समूह साक्षात्कार (Group Interview):

एक साथ कई साक्षात्कारार्थियों से प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे समूह में व्यक्ति के व्यवहार और प्रतिस्पर्धात्मक योग्यता का मूल्यांकन किया जाता है।

6. ऑनलाइन/टेलीफोनिक साक्षात्कार:

तकनीकी माध्यमों से किया गया साक्षात्कार, जो आजकल बहुत सामान्य हो गया है, विशेषकर नौकरी चयन में।


✦ साक्षात्कार विधि की विशेषताएँ (Characteristics of Interview Method):

  1. सीधा संवाद: साक्षात्कारकर्ता और साक्षात्कारार्थी के बीच प्रत्यक्ष संवाद होता है।
  2. प्रेक्षण का अवसर: भावनाओं, हाव-भाव और शरीर की भाषा का अवलोकन किया जा सकता है।
  3. गहराई से जानकारी: व्यक्तित्व, दृष्टिकोण और व्यवहार के गहरे पक्षों को समझने का अवसर मिलता है।
  4. लचीलापन: आवश्यकता अनुसार प्रश्नों में बदलाव किया जा सकता है।
  5. तत्काल प्रतिक्रिया: उत्तरों पर तुरंत विश्लेषण किया जा सकता है।

✦ साक्षात्कार विधि के लाभ (Advantages of Interview Method):

  1. व्यक्तिगत संपर्क: इससे भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास बनता है।
  2. तथ्यात्मक और भावनात्मक जानकारी एकत्र करना आसान होता है।
  3. शारीरिक भाषा और व्यवहार का अवलोकन संभव होता है।
  4. प्रश्नों में तुरंत बदलाव की सुविधा।
  5. उम्मीदवार की संप्रेषण क्षमता और आत्म-विश्वास की परख हो जाती है।

✦ साक्षात्कार विधि की सीमाएँ (Limitations of Interview Method):

  1. पूर्वाग्रह की संभावना: साक्षात्कारकर्ता की व्यक्तिगत धारणाएँ निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं।
  2. समय-साध्य: प्रत्येक उम्मीदवार के साथ साक्षात्कार करने में अधिक समय लगता है।
  3. प्रश्नों की असंगति: अगर साक्षात्कार संरचित न हो तो तुलना कठिन हो सकती है।
  4. अभ्यर्थी की झिझक: कुछ लोग खुलकर बात नहीं कर पाते जिससे पूरी जानकारी नहीं मिलती।
  5. प्रशिक्षण की आवश्यकता: एक कुशल साक्षात्कारकर्ता के लिए विशेष प्रशिक्षण आवश्यक होता है।

✦ साक्षात्कार की प्रक्रिया (Steps of Interview Process):

  1. तैयारी: साक्षात्कारकर्ता को विषय, उद्देश्य और प्रश्नों की योजना बनानी चाहिए।
  2. परिचय: साक्षात्कार की शुरुआत में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाया जाता है।
  3. मुख्य प्रश्न: निर्धारित विषय पर केंद्रित प्रश्न पूछे जाते हैं।
  4. विश्लेषणात्मक प्रश्न: उत्तरों की गहराई को समझने हेतु पूरक प्रश्न पूछे जाते हैं।
  5. समापन: अंत में धन्यवाद और संक्षिप्त मूल्यांकन।
  6. रिकॉर्डिंग और मूल्यांकन: प्राप्त उत्तरों को दर्ज कर उनका विश्लेषण किया जाता है।

✦ साक्षात्कार विधि का उपयोग (Uses of Interview Method):

  1. नौकरी चयन: अभ्यर्थियों की उपयुक्तता का मूल्यांकन करने हेतु।
  2. शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश हेतु।
  3. व्यक्तित्व मूल्यांकन और काउंसलिंग में।
  4. मानव संसाधन विकास में।
  5. मनोवैज्ञानिक शोध और समाजशास्त्रीय अध्ययन में।
  6. राजनीतिक सर्वेक्षण और सामाजिक मुद्दों की समझ हेतु।

✦ निष्कर्ष (Conclusion):

साक्षात्कार विधि व्यक्तित्व के गहन और सूक्ष्म पक्षों को समझने का एक प्रभावशाली और व्यावहारिक माध्यम है। यह न केवल सूचना एकत्र करने की प्रक्रिया है, बल्कि यह व्यक्ति की सोच, व्यवहार, दृष्टिकोण, भाषा, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को भी सामने लाने का एक अवसर प्रदान करती है। हालांकि इसमें कुछ सीमाएँ हैं, फिर भी इसकी व्यावहारिकता और उपयोगिता इसे व्यक्तित्व मूल्यांकन की सर्वोत्तम विधियों में से एक बनाती है।


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