अभिवृत्ति से आप क्या समझते हैं? Abhivrutti se aap kya samajhte hain

Abhivrutti se aap kya samajhte hain

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विषय: व्यक्तित्व विकास (Personality Development)
कोर्स कोड: V3-PSY-DEVT
प्रश्न: अभिवृत्ति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:


परिचय

व्यक्तित्व विकास के अध्ययन में अभिवृत्ति (Attitude) एक अत्यंत महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक तत्व है। किसी व्यक्ति का दृष्टिकोण, सोचने का तरीका, प्रतिक्रिया देने का व्यवहार, किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक झुकाव, सब कुछ उसकी अभिवृत्ति से ही जुड़ा होता है। अभिवृत्ति केवल सोच नहीं, बल्कि भावना, विश्वास, और व्यवहार का एक समन्वित रूप है।

व्यक्ति का व्यक्तित्व, उसकी कार्यशैली, सामाजिक संबंध, तथा जीवन की दिशा – सभी पर उसकी अभिवृत्तियों का सीधा प्रभाव होता है। अतः व्यक्तित्व विकास के अध्ययन में “अभिवृत्ति” को समझना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।


अभिवृत्ति की परिभाषा (Definition of Attitude)

अलग-अलग विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएं:

  1. गॉर्डन ऑलपोर्ट (Gordon Allport):
    “अभिवृत्ति एक मानसिक और तंत्रिकीय स्थिति है, जो अनुभव के माध्यम से विकसित होती है और किसी विशिष्ट वस्तु या स्थिति के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया को व्यवस्थित करती है।”
  2. कृथवेल (Kretch & Crutchfield):
    “अभिवृत्ति व्यक्ति के विचार, भावना और व्यवहार का वह झुकाव है जो किसी वस्तु, व्यक्ति या परिस्थिति के प्रति उसकी प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है।”
  3. बॉगर्डस (Bogardus):
    “अभिवृत्ति एक ऐसी प्रवृत्ति है जो किसी विशेष व्यक्ति या वस्तु के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक व्यवहार को दर्शाती है।”

सारांशतः
👉 अभिवृत्ति एक अधिगम की हुई प्रवृत्ति है, जो किसी विषय, वस्तु, विचार, व्यक्ति या परिस्थिति के प्रति व्यक्ति के सोच, भाव और व्यवहार को प्रभावित करती है।


अभिवृत्ति के घटक (Components of Attitude)

अभिवृत्ति तीन प्रमुख घटकों से मिलकर बनती है, जिसे हम “ABC मॉडल” भी कहते हैं:

1. Affective Component (भावात्मक घटक):

यह घटक उस भावना से संबंधित होता है जो हम किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति अनुभव करते हैं। जैसे – प्रेम, घृणा, भय, प्रसन्नता आदि।

उदाहरण:
यदि किसी विद्यार्थी को गणित से डर लगता है, तो यह उसकी गणित विषय के प्रति नकारात्मक भावना है।

2. Behavioral Component (व्यवहारिक घटक):

यह वह प्रवृत्ति है जो बताती है कि हम किसी विषय, वस्तु या व्यक्ति के प्रति कैसा व्यवहार करेंगे।

उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति रखता है, तो वह उस पार्टी के कार्यक्रमों में भाग नहीं लेगा।

3. Cognitive Component (संज्ञानात्मक घटक):

यह व्यक्ति के विचारों, विश्वासों और धारणाओं से संबंधित होता है।

उदाहरण:
कोई व्यक्ति यह मानता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, तो यह उसका संज्ञानात्मक दृष्टिकोण है।


अभिवृत्ति के प्रकार (Types of Attitude)

1. सकारात्मक अभिवृत्ति (Positive Attitude):

जिसमें व्यक्ति किसी वस्तु या परिस्थिति के प्रति सकारात्मक सोच, विश्वास और व्यवहार रखता है। यह सफलता और मानसिक संतुलन के लिए आवश्यक है।

उदाहरण:
“मैं हर परिस्थिति में कुछ अच्छा देखता हूं।”

2. नकारात्मक अभिवृत्ति (Negative Attitude):

जिसमें व्यक्ति किसी वस्तु, व्यक्ति या विचार के प्रति आलोचनात्मक, निराशावादी या प्रतिरोधात्मक होता है।

उदाहरण:
“कोई काम मुझसे नहीं हो सकता।”

3. तटस्थ अभिवृत्ति (Neutral Attitude):

जिसमें व्यक्ति किसी विषय के प्रति न तो सकारात्मक और न ही नकारात्मक झुकाव रखता है।

उदाहरण:
“मुझे उस विषय से कोई खास लगाव नहीं है।”

4. स्पष्ट अभिवृत्ति (Explicit Attitude):

जो व्यक्ति जान-बूझकर प्रदर्शित करता है। यह नियंत्रित और सोच-समझकर किया गया व्यवहार होता है।

5. अस्पष्ट अभिवृत्ति (Implicit Attitude):

जो अवचेतन में होती है और व्यक्ति को स्वयं भी उसका संज्ञान नहीं होता।


अभिवृत्ति के निर्माण के स्रोत (Sources of Attitude Formation)

1. परिवार:

बचपन में माता-पिता से मिली शिक्षा, अनुशासन, संस्कार व्यक्ति की अभिवृत्ति निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

2. शिक्षा और विद्यालय:

शिक्षकों, सहपाठियों और शैक्षणिक वातावरण से सीखे गए अनुभव व्यक्ति की सोच और व्यवहार पर प्रभाव डालते हैं।

3. सामाजिक परिवेश:

समाज, संस्कृति, धर्म और परंपराएं अभिवृत्तियों को आकार देती हैं।

4. मीडिया और संचार:

टीवी, समाचार, सोशल मीडिया आदि भी आज के युग में अभिवृत्तियों को गहराई से प्रभावित करते हैं।

5. व्यक्तिगत अनुभव:

सकारात्मक या नकारात्मक व्यक्तिगत अनुभव व्यक्ति की सोच को बदल सकते हैं।


अभिवृत्ति का मापन (Measurement of Attitude)

मनोविज्ञान में अभिवृत्ति को मापने के लिए विभिन्न परीक्षण और तकनीकों का प्रयोग किया जाता है:

  1. लिकर्ट स्केल (Likert Scale) – जिसमें व्यक्ति अपनी सहमति या असहमति को 5 या 7 बिंदुओं पर दर्शाता है।
  2. सेमन्टिक डिफरेंशियल स्केल (Semantic Differential Scale) – व्यक्ति के दृष्टिकोण को द्वि-ध्रुवीय विशेषणों के आधार पर मापा जाता है (जैसे अच्छा-बुरा)।
  3. थर्स्टन स्केल (Thurstone Scale) – जिसमें पहले से निर्धारित बयानों के आधार पर स्कोर दिया जाता है।

अभिवृत्ति परिवर्तन (Attitude Change)

व्यक्ति की अभिवृत्तियां निश्चित नहीं होतीं, वे परिवर्तनीय होती हैं। इन्हें बदला जा सकता है:

  1. प्रचार व संप्रेषण द्वारा – सकारात्मक संदेशों और उदाहरणों से।
  2. शिक्षा व प्रशिक्षण द्वारा – नई जानकारी और समझ से।
  3. अनुभवों द्वारा – व्यावहारिक जीवन के अनुभवों से सोच में बदलाव आता है।
  4. मनोवैज्ञानिक परामर्श द्वारा – व्यक्ति की नकारात्मक सोच को सकारात्मकता की ओर मोड़ा जा सकता है।

व्यक्तित्व विकास में अभिवृत्ति की भूमिका

  1. सकारात्मक सोच विकसित करना: अभिवृत्ति यह तय करती है कि व्यक्ति समस्याओं से कैसे निपटेगा।
  2. प्रेरणा और आत्मविश्वास: सकारात्मक अभिवृत्ति व्यक्ति को आगे बढ़ने में सहायक होती है।
  3. सामाजिक संबंधों में सुधार: अच्छा दृष्टिकोण समाज में व्यक्ति की छवि को बेहतर बनाता है।
  4. कार्य कुशलता में वृद्धि: जो कर्मचारी सकारात्मक सोच रखते हैं, वे बेहतर कार्य निष्पादन करते हैं।
  5. नेतृत्व गुणों का विकास: सकारात्मक अभिवृत्ति नेतृत्व को प्रभावशाली बनाती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

अभिवृत्ति व्यक्ति के व्यक्तित्व का एक अनिवार्य भाग है, जो उसके सोचने, समझने, व्यवहार करने और जीवन जीने के तरीके को निर्धारित करता है। एक व्यक्ति की अभिवृत्तियाँ ही उसके जीवन की दिशा तय करती हैं – चाहे वह शिक्षा, व्यवसाय, पारिवारिक जीवन या सामाजिक जीवन क्यों न हो। सकारात्मक अभिवृत्ति व्यक्ति को आत्मविश्वासी, सफल और प्रसन्न बनाती है, जबकि नकारात्मक अभिवृत्ति बाधा उत्पन्न करती है। अतः व्यक्तित्व विकास के लिए सकारात्मक, वैज्ञानिक और लचीली अभिवृत्ति का विकास अत्यंत आवश्यक है।


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