Bharat ke antar-rashtriya seemaon ka varnan kijiye
प्रश्न – भारत के अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं का वर्णन कीजिए
परिचय
भारत दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल देश है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ सात देशों से लगती हैं। भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विदेश नीति के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारत की स्थलीय सीमा लगभग 15,106 किलोमीटर लंबी है। ये सीमाएँ भौगोलिक, जलवायु और रणनीतिक दृष्टि से विविधता लिए हुए हैं।
भारत की सीमाएँ जिन देशों से लगती हैं:
- पाकिस्तान
- चीन
- नेपाल
- भूटान
- बांग्लादेश
- म्यांमार (बर्मा)
- अफगानिस्तान (पाक-अधिकृत कश्मीर के माध्यम से)
1. भारत-पाकिस्तान सीमा
- लंबाई: लगभग 3,323 किमी
- राज्य: जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात
- विशेषताएँ:
- अत्यंत संवेदनशील और सैन्य रूप से महत्त्वपूर्ण सीमा।
- लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) में विभाजित।
- वाघा सीमा भारत-पाक सीमा का प्रमुख प्रवेश बिंदु है।
- समस्याएँ: आतंकवाद, घुसपैठ, और कश्मीर विवाद।
2. भारत-चीन सीमा
- लंबाई: लगभग 3,488 किमी (सबसे लंबी सीमा)
- राज्य: लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश
- विशेषताएँ:
- इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) कहा जाता है।
- यह सीमा अधिकतर पर्वतीय और दुर्गम है।
- अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद हैं।
- समस्याएँ: सैन्य संघर्ष, जैसे कि गलवान घाटी झड़प (2020), और राजनीतिक तनाव।
3. भारत-नेपाल सीमा
- लंबाई: लगभग 1,751 किमी
- राज्य: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम
- विशेषताएँ:
- खुली सीमा, जहाँ से लोग और वस्तुएँ स्वतंत्र रूप से आवागमन करते हैं।
- गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध।
- समस्याएँ: कालापानी और लिपुलेख क्षेत्र को लेकर सीमित विवाद।
4. भारत-भूटान सीमा
- लंबाई: लगभग 699 किमी
- राज्य: सिक्किम, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश
- विशेषताएँ:
- शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध।
- भारत रक्षा और विकास में भूटान का प्रमुख भागीदार है।
- समस्याएँ: डोकलाम विवाद (2017) चीन-भारत-भूटान त्रिकोण पर।
5. भारत-बांग्लादेश सीमा
- लंबाई: लगभग 4,096 किमी (एकल देश के साथ सबसे लंबी सीमा)
- राज्य: पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम
- विशेषताएँ:
- ऐतिहासिक, भाषाई और सांस्कृतिक संबंध।
- नदीय और स्थलीय सीमाएँ दोनों।
- समस्याएँ: अवैध प्रवास, तस्करी, और छोटे एन्क्लेव (2015 भूमि सीमा समझौते के बाद समाधान हुआ)।
6. भारत-म्यांमार सीमा
- लंबाई: लगभग 1,643 किमी
- राज्य: अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम
- विशेषताएँ:
- घने जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों से युक्त।
- भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण।
- समस्याएँ: उग्रवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, और खुली सीमा की समस्याएँ।
7. भारत-अफगानिस्तान सीमा (POK के माध्यम से)
- लंबाई: लगभग 106 किमी
- विशेष जानकारी: यह सीमा पाक-अधिकृत कश्मीर (POK) के गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र में आती है।
- स्थिति: वर्तमान में यह सीमा भारत के प्रभाव में नहीं है, लेकिन आधिकारिक मानचित्र में शामिल है।
सीमाओं का सामरिक और भू-राजनीतिक महत्व
- राष्ट्रीय सुरक्षा: आतंकवाद, घुसपैठ, और सैन्य संघर्ष की रोकथाम के लिए सीमाएँ बेहद संवेदनशील हैं।
- व्यापार और संपर्क: बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार के साथ सीमाएँ व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग में सहायक हैं।
- सांस्कृतिक संबंध: नेपाल और भूटान जैसी सीमाओं के जरिए धार्मिक और सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।
- बुनियादी ढाँचा: सीमा क्षेत्रों में सड़क, पुल, बाड़, और निगरानी तंत्र का विकास हो रहा है।
- विदेश नीति: सीमाओं से जुड़ी नीतियाँ भारत की कूटनीतिक रणनीति को प्रभावित करती हैं।
निष्कर्ष
भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ केवल भौगोलिक सीमाएँ नहीं हैं, बल्कि वे रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। शांतिपूर्ण पड़ोसी संबंध, सीमाओं की सुरक्षा और विकास भारत के लिए अनिवार्य हैं। एक छात्र के रूप में, इन सीमाओं की समझ राष्ट्र की सुरक्षा और विदेश नीति को समझने के लिए आवश्यक है।
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