भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं को समझाइए। Bhartiya arthvyavastha ki pramukh visheshataon ko samjhaiye

Bhartiya arthvyavastha ki pramukh visheshataon ko samjhaiye

प्रश्न – भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं को समझाइए


परिचय

भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की प्रमुख और तीव्र गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है जिसमें कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र का संतुलित विकास होता है। भारत ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद योजनाबद्ध आर्थिक विकास की नीति अपनाई, जिसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय था। समय के साथ, विशेष रूप से 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना में बड़ा परिवर्तन आया।


1. मिश्रित अर्थव्यवस्था

भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जिसका अर्थ है कि इसमें सार्वजनिक क्षेत्र (सरकारी) और निजी क्षेत्र (निजी कंपनियाँ) दोनों का योगदान है। रक्षा, रेलवे, परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सरकार की प्रमुख भूमिका है, जबकि सूचना तकनीक, खुदरा व्यापार और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में निजी कंपनियाँ सक्रिय हैं। यह व्यवस्था आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक कल्याण को भी सुनिश्चित करती है।


2. कृषि पर निर्भरता

भारत में कृषि लंबे समय से अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। आज भी लगभग 40–45% जनसंख्या कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों पर निर्भर है। यद्यपि कृषि का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान घटा है, लेकिन यह खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


3. सेवा क्षेत्र का तीव्र विकास

भारतीय अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता है सेवा क्षेत्र का तीव्र विकास। सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, बैंकिंग, बीमा, पर्यटन और शिक्षा जैसे क्षेत्र अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। सेवा क्षेत्र अब भारत के GDP का लगभग 50% से अधिक हिस्सा बनाता है।


4. जनसंख्या दबाव

भारत की विशाल जनसंख्या इसके संसाधनों, बुनियादी ढांचे और रोजगार पर भारी दबाव डालती है। हालांकि, यह एक डेमोग्राफिक डिविडेंड भी है, अर्थात् यदि युवाओं को शिक्षा और रोजगार मिल जाए, तो वे देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।


5. आय और संपत्ति में असमानता

भारत में आर्थिक विषमता एक गंभीर समस्या है। शहरी-ग्रामीण अंतर, क्षेत्रीय विषमताएँ, और सामाजिक-आर्थिक वर्गों के बीच आय में भारी अंतर देखने को मिलता है। गरीबी और बेरोजगारी अब भी बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।


6. प्रति व्यक्ति आय में कमी

भारत की प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में अभी भी काफी कम है। यद्यपि समग्र GDP में वृद्धि हुई है, लेकिन यह समान रूप से वितरित नहीं हो रही, जिससे जीवन स्तर, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रभावित होते हैं।


7. आयात पर निर्भरता

भारत कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना और उन्नत तकनीक के लिए आयात पर काफी हद तक निर्भर है। इससे व्यापार घाटा और विदेशी मुद्रा पर प्रभाव पड़ता है।


8. औद्योगिक विकास और ‘मेक इन इंडिया’

भारत में पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार की औद्योगिक इकाइयाँ मौजूद हैं। “मेक इन इंडिया” अभियान का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, आयात में कमी लाना और रोजगार सृजन करना है।


9. रणनीतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका

रक्षा, रेलवे, ऊर्जा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में सरकारी कंपनियों का वर्चस्व है। ये क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


10. वैश्विक एकीकरण

1991 के बाद भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर अधिक एकीकृत हो गई है। भारत WTO, G20, BRICS जैसे संगठनों का सदस्य है। भारतीय कंपनियाँ विदेशों में कारोबार कर रही हैं और विदेशी निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं।


11. आर्थिक योजना और सरकार की भूमिका

1951 से 2017 तक भारत में पाँच वर्षीय योजनाएँ लागू रहीं। अब नीति आयोग विकास नीति का निर्धारण करता है। सरकार कर नीति, सब्सिडी, सार्वजनिक निवेश और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है।


12. आधारभूत संरचना का विकास

सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, बिजली आपूर्ति और संचार जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है। इससे उत्पादकता बढ़ती है और निवेश आकर्षित होता है।


13. असंगठित क्षेत्र की प्रधानता

भारत में कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है, जैसे: छोटे दुकानदार, दिहाड़ी मजदूर, स्वरोजगार आदि। इन्हें अक्सर सामाजिक सुरक्षा या न्यूनतम वेतन नहीं मिलता।


निष्कर्ष

भारतीय अर्थव्यवस्था अनेक विशेषताओं से युक्त है। इसमें अपार संभावनाएँ हैं लेकिन अनेक चुनौतियाँ भी हैं, जैसे गरीबी, बेरोजगारी, असमानता और पर्यावरणीय समस्याएँ। इन समस्याओं का समाधान करते हुए सतत विकास की ओर अग्रसर होना ही भारत की आर्थिक सफलता की कुंजी है। छात्र के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था की इन प्रमुख विशेषताओं को समझना आवश्यक है जिससे वर्तमान आर्थिक स्थितियों का सही विश्लेषण किया जा सके।


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